मंगलवार, 14 जनवरी 2014

devaraha baba & ayodhya

अयोध्या विवाद और देवरहा बाबा : सत्य हुई भविष्यवाणी अयोध्या मामले में ब्रह्मलीन योगीराज श्रीदेवरहाबाबा की भविष्यवाणी अक्षरश: सत्य हुई। विदित हो कि श्रीदेवरहा बाबा ने अपने भक्तों की जिज्ञासा का समाधान करते हुए यह भविष्यवाणी की थी कि विवादित स्थल पर रामलला विराजमान होंगे और वहां राममंदिर निश्चित बनेगा। अयोध्या मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ का निर्णय आते ही ब्रह्मलीन योगीराज श्री देवरहाबाबाजी महाराज के परमशिष्य त्रिकालदर्शी परमसिध्द व अध्यात्म गुरू श्री देवरहा शिवनाथदासजी महाराज के पास भक्तों व मीडियाकर्मियों की भीड़ जुट गयी। मीडियाकर्मियों व भक्तों को संबोधित करते हुए त्रिकालदर्शी व अध्यात्मदर्शी श्री देवरहा शिवनाथदासजी महाराज ने कहा कि अयोध्या मामले पर उच्च न्यायालय का निर्णय करोड़ों रामभक्तों की आस्था के साथ-साथ ब्रह्मलीन योगीराज श्री देवरहा बाबाजी महाराज की भविष्यवाणी की विजय है। चूंकि श्री देवरहाबाबा हमेशा ब्रह्मलीन अवस्था में रहते थे, श्री देवरहाबाबा के पास हिन्दू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं था फिर भी कुंभ के अवसर पर जब सभी संप्रदाय के धर्मगुरूओं ने एकजुट होकर श्री देवरहा बाबाजी से अयोध्या मामले पर सवाल करते हुये कहा कि बाबा, मंदिर-मस्जिद का समाधान कब होगा? इस पर श्री देवरहा बाबा ने कहा कि वह मस्जिद नही वरन् मंदिर है। जब बाबर सन 1526 ई. में भारत आया उसके बाद 1528 ई. के अप्रैल माह में रामनवमी के पावन अवसर पर जब बाबर अपने सेनापति मीरबांकी के साथ अयोध्या में पहुंचा और वहां पर जीर्ण-शीर्ण मंदिर में लगे भक्तों के जमावड़ों को देखकर अपने सेनापति मीरबांकी को आज्ञा दी कि इसे तोड़कर नया बना देना। वह केवल आठ दिनों में ही मंदिर का मरम्मत कराकर उसे मस्जिद बना दिया। फिर भी हिन्दू समाज उसे मंदिर समझकर वहां पूजा अर्चना करता रहा। वहां कभी नमाज अदा नही किया गया। आगे श्री देवरहा शिवनाथदासजी ने कहा कि लगभग 450 वर्षों तक हिन्दू-मुस्लिम में प्रेम बना रहा। परंतु जब हिन्दुओं के द्वारा अपने मंदिर एवं आस्था श्रद्धा के प्रतीक स्वरूप रामलला के मंदिर को अदालत द्वारा मांगा गया तो कुछ राजनीतिज्ञों ने विवाद खड़ा कर आपसी भाईचारों के बीच कटुता का बीज बो दिया। आगे श्री शिवनाथदासजी ने कहा कि हमारे गुरूदेव बोले- बच्चा वहां मंदिर है, सो वहां मंदिर ही बनेगा। उसमें रामलला ही रहेंगे और आगे चलकर हिन्दू-मुस्लिम में पहले की तरह प्रेम बना रहेगा। आगे श्री देवरहा शिवनाथदास जी ने कहा कि जब बाबा के द्वारा की गई भविष्यवाणी में देर होने लगी तो उन पर से भक्तों का विश्वास धीरे-धीरे उठने लगा कि और लोग कहने लगे कि बाबा की भविष्यवाणी व्यर्थ हो गई। लेकिन न्यायालय का फैसला आते ही अब अविश्वास विश्वास में बदल गया। इसी कारण तो भक्तगण तो मेरे पास आये हैं। देवरहा शिवनाथजी ने कहा कि इस कृपा के तले मैं अपने गुरूदेव श्री देवराहा बाबा के साथ-साथ उच्च न्यायालय के माननीय न्यायधीशों के प्रति आभार व्यक्त करते हूं। ( साभार: राजीव कुमार, मीडिया क्लब ऑफ़ इण्डिया ) *******************************

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